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Vitamin A ki kami se kya hota hai- रोग, पोषण, लक्षण


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अक्सर यह प्रश्न पूछा जाता है कि आखिर Vitamin A Ki Kami Se Kya Hota Hai? विटामिन ए हमारे शरीर के लिए कितना महत्वपूर्ण है? क्या इस विटामिन की कमी से कोई बड़ा खतरा झेलना पड़ सकता है? इसका उत्तर है हां, विटामिन ए की कमी से शरीर में कई रोग जन्म ले सकते हैं और यह हमारे शरीर के समग्र स्वास्थ्य के लिए बेहद आवश्यक है। इसकी कमी से व्यक्ति कई बड़े रोगों का शिकार हो सकता है और कुछ मामलों में मृत्यु भी हो सकती है। 

विटामिन ए की कमी से रतौंधी, त्वचा समस्याएं, इन्फेक्शन का जोखिम बढ़ जाना, भ्रूण का विकास न होना, रिप्रोडक्टिव स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ना, इनफर्टिलिटी, तेजी से बालों का झड़ना जैसी दिक्कतें देखने को मिल सकती हैं। यहां तक कि अगर शरीर में इसकी भारी कमी हो जाए तो व्यक्ति की मृत्यु भी हो सकती है या गंभीर रोगों से जूझना पड़ सकता है। 

विटामिन ए की कमी से बालों के झड़ने की समस्या भी देखी गई है। अगर आप भी तेजी से बाल झड़ने की समस्या से परेशान हैं तो हो सकता है कि आपके शरीर में विटामिन ए या अन्य विटामिनों की कमी हो गई हो। बाल झड़ने के 20 से भी अधिक कारण होते हैं और इसका उपचार करने के लिए सबसे पहले सटीक कारण का पता लगाना आवश्यक है। इसलिए हम Hair Test देने की सलाह देते हैं जोकि फ्री है और घर बैठे दिया जा सकता है। इस टेस्ट की मदद से आप घर बैठे झड़ते बालों के पीछे का सटीक कारण पता लगाकर सही उपचार की शुरुआत कर सकते हैं।


विटामिन ए क्या है (Vitamin A Kya Hai)

विटामिन ए विटामिन परिवार का एक अहम सदस्य है जो समग्र शारीरिक स्वास्थ्य को बेहतर करता है। विटामिन ए सामान्य दृष्टि, प्रतिरक्षा प्रणाली, प्रजनन और वृद्धि और विकास के लिए महत्वपूर्ण है। यह आपके हृदय, फेफड़ों और अन्य अंगों को ठीक से काम करने में भी मदद करता है। इसकी कमी होने पर खासतौर पर रतौंधी रोग होने का खतरा बढ़ जाता है।

इस विटामिन की प्राप्ति हमें फलों और सब्जियों के माध्यम से होती है। विटामिन ए की प्राप्ति गाजर, शकरकंद, आम, खरबूजा, और आड़ू, गहरे रंग की पत्तेदार सब्जियाँ जैसे पालक और केल से होती है। मांसाहारी लोगों के लिए अंडे, डेयरी उत्पाद, सैल्मन जैसी मछली और चिकन से भी विटामिन ए प्राप्त किया जा सकता है।


विटामिन ए की कमी से क्या होता है (Vitamin A ki kami se kya hota hai)

विटामिन ए की कमी से रतौंधी, बच्चों का शारीरिक विकास रुकना, इनफर्टिलिटी, होठों का फटना, संक्रमण का खतरा बढ़ जाना, त्वचा से जुड़ी बीमारियां होना, अत्यधिक थकान और कमजोरी महसूस करने के साथ ही तेजी से बालों का झड़ना शुरू हो सकता है। कई बार इसकी कमी से दस्त, उल्टी और ब्लैडर में संक्रमण की समस्या भी अवतरित हो सकती है। आइए विस्तार से जानते हैं कि Vitamin A ki kami se kya hota hai.


1. रतौंधी (Night blindness)

विटामिन ए की कमी से रतौंधी रोग होने का खतरा सबसे ज्यादा होता है। रतौंधी यानि रात्रि के समय दिखाई न देना विटामिन ए की कमी का सबसे बड़ा संकेत होता है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि यह रेटिना जोकि आपकी आंख के पीछे की प्रकाश-संवेदनशील परत है, में एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया को बाधित करता है। दरअसल, जब प्रकाश आपकी आंख में प्रवेश करता है, तो यह रेटिना में फोटोरिसेप्टर कोशिकाओं के साथ संपर्क करता है। ये कोशिकाएँ दो प्रकार की होती हैं: पहली कम प्रकाश में देखने के लिए रॉड्स और दूसरी रंगों को देखने के लिए कॉन्स।

रॉड्स में रोडोप्सिन नामक प्रकाश-संवेदनशील वर्णक होता है। रोडोप्सिन एक प्रोटीन (ऑप्सिन) और विटामिन ए (रेटिना) से प्राप्त एक अणु से बना होता है। मंद प्रकाश में, रोडोप्सिन प्रकाश कणों को पकड़ लेता है। यह एक रासायनिक प्रतिक्रिया को ट्रिगर करता है जो मस्तिष्क को एक संकेत भेजता है, जिससे आप देख सकते हैं। जब पर्याप्त विटामिन ए नहीं होता है, तो शरीर पर्याप्त रेटिना का उत्पादन नहीं कर पाता है, जिससे रोडोप्सिन की कमी हो जाती है। इसकी वजह से रोडोप्सिन प्रकाश के प्रति कम संवेदनशील हो जाते हैं जिससे कम रोशनी में देखने में दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।


2. त्वचा से जुड़े रोग होना (Skin related diseases)

विटामिन ए की कमी की वजह से त्वचा से जुड़े रोग होने की संभावना भी काफी बढ़ जाती है। इसके लिए आपको दो टर्म्स को समझने की जरूरत है, पहला है Epithelial Cell और दूसरा है Keratinization। Epithelial Cell आपकी त्वचा की सबसे ऊपरी परत होती हैं जोकि रोगज़नक़ जीवाणुओं और नमी की कमी से आपकी त्वचा की रक्षा करते हैं। विटामिन ए ही इन इप्थेलियल कोशिकाओं के विकास और कार्य के लिए जिम्मेदार होती हैं।

साथ ही, Keratinization एक प्रक्रिया है जिसमें आपकी त्वचा में नई कोशिकाओं का निर्माण होता है।  इस प्रक्रिया के लिए भी विटामिन ए की ही आवश्यकता पड़ती है। अब ऐसे में जब विटामिन ए की कमी शरीर में हो जाती है तो एपीथेलियल सेल कमजोर हो जाता है जिससे त्वचा रोग होने का खतरा बढ़ जाता है। साथ ही इसकी कमी से केराटिनाइजेशन की प्रक्रिया भी धीमी हो जाती है जिससे नई कोशिका का विकास नहीं हो पाता। 


3. इम्यून सिस्टम कमजोर पड़ जाना (Weak immune system)

Immune System यानि रोग प्रतिरोधक क्षमता हमारे समग्र स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए आवश्यक माना जाता है। यह हमारे शरीर को न सिर्फ संक्रमण से बचाता है बल्कि घावों को जल्दी भरने, रोगों को जल्दी ठीक करने और शरीर को अंदरूनी ताकत प्रदान करने में भी महत्वपूर्ण माना गया है। ऐसे में विटामिन ए को इम्यून सिस्टम मजबूत रखने में काफी महत्वपूर्ण पाया गया है।

विटामिन ए ही T-lymphocytes (T cells) और B-lymphocytes (B cells) के विकास में मदद करता है और उनकी कार्यक्षमता को बढ़ाता है। ये दोनों ही प्रकार की कोशिकाएं इम्यून सिस्टम को मजबूती प्रदान करती हैं और संक्रमण से लड़ने में मदद करती हैं। ऐसे में अगर शरीर में विटामिन ए की कमी हो जाए तो इन कोशिकाओं के निर्माण कार्य और कार्यक्षमता में कमी देखने को मिलेगी जिससे इम्यून सिस्टम कमजोर हो जायेगा।


4. बच्चों का शारीरिक विकास रुकना (Lack of physical development in children)

बच्चों में अगर विटामिन ए की कमी हो जाए तो उनका शारीरिक विकास रुक सकता है। विटामिन ए हड्डी और उपास्थि के विकास में शामिल कोशिकाओं के उचित विकास और विभेदन के लिए आवश्यक है। यह विशिष्ट प्रोटीन और महत्वपूर्ण विकास कारकों के उत्पादन को विनियमित करने में मदद करता है। ऐसे में विटामिन ए की कमी से विकास रुक सकता है, हड्डियों के निर्माण में देरी हो सकती है और हड्डियां कमजोर हो सकती हैं।

विटामिन ए ग्रोथ हार्मोन जैसे हार्मोन के साथ क्रिया करता है, जो बच्चों में समग्र वृद्धि और विकास के लिए आवश्यक है। साथ ही यह कोशिका विभाजन और विभेदन में एक महत्वपूर्ण कारक है, जो पूरे शरीर में वृद्धि और विकास के लिए मौलिक प्रक्रिया है। ऐसे में अगर खासतौर पर बच्चों के शरीर में इसकी कमी हो जाए तो उनका शारीरिक विकास रुक सकता हैं और वे कमजोर हो सकते हैं।


5. तेजी से बालों का झड़ना (Rapid hair fall)

विटामिन ए की कमी से तेजी से बाल झड़ने की समस्या भी जन्म ले सकती है। Hair follicles के स्वास्थ्य को बनाए रखने में विटामिन ए महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह कोशिका विभाजन और विभेदन की प्रक्रिया को विनियमित करने में मदद करता है, जो बालों के विकास के लिए महत्वपूर्ण है। साथ ही, विटामिन ए सिबम प्रोडक्शन में भी अहम भूमिका निभाता है।

विटामिन ए सीबम के उत्पादन को भी प्रभावित करता है, जो स्कैल्प से स्रावित एक तैलीय पदार्थ है। सीबम स्कैल्प को नम रखने में मदद करता है और बालों की जड़ों को चिकनाई देता है, जिससे बालों के स्वस्थ विकास को बढ़ावा मिलता है। ऐसे में विटामिन ए की कमी अत्यधिक बालों के झड़ने की समस्या खड़ी कर सकता है। इसलिए हम Hair Test देने की सलाह देते हैं जोकि मुफ्त है और घर बैठे झड़ते बालों का सटीक कारण पता लगाता है। इससे उपचार आसान हो जाता है और आप हमेशा हमेशा के लिए झड़ते बालों से मुक्ति पाते हैं।


6. ब्लैडर में संक्रमण होना (Bladder infection)

कुछ अध्ययन, विशेषकर बच्चों में, विटामिन ए की कमी और बढ़े हुए यूटीआई के बीच संभावित संबंध का सुझाव देते हैं। कुछ अध्ययन इस ओर इशारा करते हैं कि अगर शरीर में विटामिन ए की कमी हो जाए तो ब्लैडर में संक्रमण हो सकता है। यह एक सेलुलर अंग है जो मूत्र को संग्रहित करता है और मूत्र प्रणाली का हिस्सा है। ऐसे में अगर इसमें संक्रमण हो जाए तो पेशाब करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।

विटामिन ए जैसा कि हमने आपको पहले ही बताया, इम्यून सिस्टम को मजबूत करने का कार्य करता है। इससे पूरे शरीर को इन्फेक्शन से दूर रखने में मदद मिलती है। लेकिन इस विटामिन की कमी होने पर इम्यून सिस्टम कमजोर हो सकता है जिससे ब्लैडर इन्फेक्शन से जूझने लगेगा। 


7. अत्यधिक थकान और कमजोरी महसूस करना (Extreme fatigue and weakness)

विटामिन ए की कमी से जूझ रहे व्यक्तियों में अत्यधिक थकान और कमजोरी की समस्या भी हो सकती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि विटामिन ए उन सेल्यूलर प्रक्रियाओं का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है जिनकी मदद से शरीर में ऊर्जा का उत्पादन होता है। यह कोशिका के पावरहाउस माइटोकॉन्ड्रिया के समुचित कार्य के लिए आवश्यक है, जहां ऊर्जा ATP (adenosine triphosphate) के रूप में उत्पन्न होती है। 

ऐसे में इस विटामिन की कमी एटीपी के उत्पादन में बाधा डाल सकती है, जिससे सेलुलर ऊर्जा की कमी हो सकती है। यह पूरे शरीर में थकान के रूप में प्रकट हो सकता है। विटामिन ए विभिन्न चयापचय मार्गों को भी प्रभावित करता है जिनका उपयोग शरीर भोजन को ऊर्जा में परिवर्तित करने के लिए करता है। ऐसे में इसकी कमी से चयापचय प्रक्रिया बाधित हो सकती है और ऊर्जा उत्पादन में भी खलल पड़ सकती है। ऊर्जा की कमी के कारण आप अत्यधिक थकान महसूस कर सकते हैं।


8. गर्भ धारण करने में परेशानी (Infertility)

विटामिन ए की कमी से महिलाओं में गर्भ धारण करने में भी दिक्कत आ सकती है। शायद आपको नहीं पता होगा लेकिन महिलाओं में अंडों के समुचित विकास और परिपक्वता के लिए विटामिन ए आवश्यक है। ऐसे में इसकी कमी इस प्रक्रिया को बाधित कर सकती है, जिससे संभावित रूप से ओव्यूलेशन में अनियमितताएं हो सकती हैं और अंडे की गुणवत्ता कम हो सकती है। इससे गर्भ धारण करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।

साथ ही, विटामिन ए एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन जैसे प्रजनन हार्मोन के नियमन में भूमिका निभाता है, जो ओव्यूलेशन, गर्भाशय अस्तर के विकास और प्रत्यारोपण के लिए महत्वपूर्ण हैं।  ऐसे में अगर महिलाओं के शरीर में इस विटामिन की कमी हो जाए तो हार्मोंस का असंतुलन हो सकता है जिससे गर्भ धारण करने में दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।


9. श्वास नली में इन्फेक्शन होना (Respiratory tract infection)

विटामिन ए की कमी की वजह से आपको श्वास नली में इन्फेक्शन होने की समस्या से भी जूझना पड़ सकता है। आपके श्वास नली में Mucous membranes मौजूद होते हैं जोकि वायुजनित रोगज़नक़ से रक्षा करते हैं और साथ ही वे धूल, एलर्जी, और रोगाणुओं को भी फिल्टर करने में मदद करते हैं। ऐसे में विटामिन ए ही इन म्यूकस मेंब्रेन को स्वस्थ रखने में सहायक भूमिका निभाता है।

इन श्लेष्मा झिल्ली (Mucous membrane) के स्वास्थ्य और मजबूती को बनाए रखने के लिए विटामिन ए आवश्यक है। यह उन्हें बलगम उत्पन्न करने में मदद करता है, एक चिपचिपा पदार्थ जो रोगजनकों को फँसाता है और उन्हें निचले हिस्से में प्रवेश करने से रोकता है। ऐसे में अगर विटामिन ए की कमी हो जाए तो रोगजनको को फंसाने की श्लेष्मा झिल्ली की कार्यक्षमता कमजोर पड़ सकती है जिससे श्वास नली में इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है।


10. घाव का देरी से भरना (Delayed wound healing)

शरीर में विटामिन ए की कमी होने पर घाव देरी से भरते हैं या उन्हें भरने में काफी वक्त लग जाता है। दरअसल जब हमारे शरीर में विटामिन ए की कमी हो जाती है तो घाव भरने की पूरी प्रक्रिया ही धीमी पड़ जाती है या खराब हो जाती है। सबसे पहले तो इस विटामिन की कमी से इम्यून सिस्टम कमजोर पड़ जाती है जिसका अर्थ यह हुआ कि इन्फेक्शन से लड़ने और घावों को जल्दी भरने की इम्यून सिस्टम की क्षमता में कमी आ जाती है।

साथ ही, घाव भरने के लिए तीन प्रकार की कोशिकाएं सबसे अहम होती हैं: fibroblasts, keratinocytes और अंत में endothelial cells। ये तीनों ही कोशिकाएं मिलकर घाव को जल्दी भरने में अहम भूमिका निभाती हैं। परंतु इन कोशिकाओं का सही से निर्माण हो और इनकी कार्यक्षमता बेहतर करने के लिए विटामिन ए की आवश्यकता होती है। ऐसे में जब विटामिन की कमी हो जाती है तो घाव देरी से भरने की समस्या भी अवतरित होती है।


विटामिन ए की कमी कैसे पूरी करें (How to overcome Vitamin A deficiency)

आपने ऊपर विस्तार से जाना कि विटामिन ए की कमी से क्या होता है। अवश्य ही आप उन रोगों से नहीं जूझना चाहते होंगे जो विटामिन ए की कमी से होता है। ऐसे में ऐसे कई रास्ते हैं जिन्हें अपनाकर आप इस विटामिन की कमी को पूरा कर सकते हैं। 


1. आहार में आवश्यक बदलाव करें (Eating a diet rich in vitamin A)

अगर आप शरीर में विटामिन ए की कमी को पूरा करना चाहते हैं तो आपको अपने आहार में आवश्यक बदलाव करना चाहिए। आपको ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करना शुरू कर देना चाहिए जिनमें विटामिन ए प्रचुर मात्रा में मौजूद हो। इसके लिए आप सब्जियों और फलों का सेवन शुरू कर सकते हैं क्योंकि ये बीटा-कैरोटीन के बेहतरीन स्रोत हैं, जिसे आपका शरीर विटामिन ए में परिवर्तित करता है। आपको अधिकाधिक गाजर, शकरकंद, आम, खरबूजा, और आड़ू, गहरे रंग की पत्तेदार सब्जियाँ जैसे पालक और केल का सेवन करना चाहिए।

साथ ही, आप अगर मांसाहारी हैं तो आप मांस और मछली खाकर भी इस विटामिन की कमी को पूरा कर सकते हैं। लिवर विशेष रूप से विटामिन ए से भरपूर होता है, लेकिन अन्य विकल्पों में अंडे, डेयरी उत्पाद, सैल्मन जैसी मछली और चिकन खाने से भरपुर मात्रा में विटामिन ए की प्राप्ति होती है।


2. विटामिन ए सप्लीमेंट्स लें (Taking Vitamin A Supplements)

आहार के सेवन से अगर आपके शरीर में विटामिन ए की कमी पूरी नहीं हो रही है तो आप डॉक्टर के परामर्श के पश्चात सप्लीमेंट्स का सेवन करना शुरू कर सकते हैं। कुछ मामलों में डॉक्टर खुद आपको विटामिन ए सप्लीमेंट्स के सेवन की सलाह दे सकते हैं। यह आम तौर पर केवल तभी आवश्यक होता है जब आपके पास ऐसी स्थिति होती है जिससे भोजन से विटामिन ए को अवशोषित करना मुश्किल हो जाता है, या यदि आपके आहार में विटामिन ए युक्त खाद्य पदार्थों की गंभीर कमी है।

लेकिन ध्यान रखें कि अत्यधिक मात्रा में विटामिन ए खाने से यह फायदे की बजाय आपके शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है। इसलिए हम आपको बिलकुल भी यह सलाह नहीं देंगे कि आप बिना डॉक्टर के परामर्श के इसका सेवन करें। साथ ही डॉक्टर द्वारा बताए गए मात्रा का ही सेवन करें, ओवरडोज काफी हानिकारक हो सकता है।


शरीर में विटामिन ए की कमी क्यों होती है (Why does Vitamin A deficiency occur)

शरीर में विटामिन ए की कमी की कई वजहें हो सकती हैं। खासतौर पर अगर आप लंबे समय से ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन कर रहे हैं जिसमें विटामिन ए नदारद है तो आपके शरीर में इस विटामिन की कमी हो सकती है। खासतौर पर अगर आप गाजर, शकरकंद, आम, खरबूजा, और आड़ू, गहरे रंग की पत्तेदार सब्जियाँ जैसे पालक और केल, अंडे, डेयरी उत्पाद, सैल्मन जैसी मछली और चिकन का सेवन नहीं करते हैं तो इस विटामिन की भारी कमी से आपको जूझना पड़ सकता है।

इसके अलावा कुछ क्षेत्र जहां चावल अधिक मात्रा में खाया जाता है, जैसे कि भारत, वहां भी विटामिन ए की भारी कमी देखने को मिल सकती है। चावल में सबसे अधिक मात्रा में कार्बोहाइड्रेट्स पाया जाता है जबकि इसमें विटामिन की कमी होती है। जो लोग जीविका के लिए चावल पर बहुत अधिक निर्भर रहते हैं, उन्हें अपने आहार में अन्य स्रोतों से पर्याप्त विटामिन ए नहीं मिल पाता है। इसके अलावा कुछ बीमारियां भी शरीर में विटामिन ए को कम कर सकती हैं।


विटामिन ए किसमें पाया जाता है (Vitamin A Kis Kis Mein Paya Jata Hai)

विटामिन ए खासतौर पर सब्जियों और फलों में पाया जाता है। खासतौर पर गाजर, शकरकंद, आम, खरबूजा, और आड़ू, गहरे रंग की पत्तेदार सब्जियाँ जैसे पालक और केल, अंडे, डेयरी उत्पाद, सैल्मन जैसी मछली और चिकन में विटामिन ए की भरपुर मात्रा पाई जाती है। 

खासतौर पर आपको शकरकंद का सेवन अवश्य करना चाहिए क्योंकि इसमें विटामिन ए की प्रचुर मात्रा पाई जाती है। एक पके हुए मध्यम शकरकंद में लगभग 1,920 माइक्रोग्राम ARI (रेटिनॉल एक्टिविटी इक्विवेलेंट्स) होता है, जो विटामिन ए के लिए दैनिक आवश्यकता का 213% है। साथ ही ये स्वादिष्ट होने के साथ ही बीटा कैरोटिन से भी युक्त होते हैं। साथ ही आप बटरनट स्क्वाश का सेवन भी अवश्य करें जो इस विटामिन से भरपूर फल है। 


विटामिन ए की कमी से होने वाले रोग (Vitamin A Ki Kami Se Hone Wale Rog)

विटामिन ए की कमी से कई रोग हो सकते हैं। इसकी कमी से Xerophthalmia होता है जोकि रतौंधी से शुरू होता है और गंभीर मामलों में व्यक्ति को अंधा भी बना सकता है। साथ ही, इसकी कमी से त्वचा रोग, सुखी आंखें, इन्फेक्शन होना, घाव न ठीक होना, बच्चों का शारीरिक विकास रुक जाना, इनफर्टिलिटी यानि गर्भ धारण करने में दिक्कत होना जैसी परेशानियां झेलनी पड़ सकती हैं।

विटामिन ए की कमी होने आप तेजी से बालों के झड़ने की समस्या भी अवतरित हो सकती है। अगर आपके बाल तेजी से झड़ रहे हैं तो यह विटामिन ए हो सकता है। झड़ते बालों का उपचार करने के लिए आपको हेयर टेस्ट देना चाहिए जोकि फ्री है और घर बैठे दिया जा सकता है। इस टेस्ट को पूरा करके आप झड़ते बालों का सटीक कारण समझ सकते हैं और सही उपचार के माध्यम से इस समस्या से हमेशा के लिए छुटकारा भी पा सकते हैं।


निष्कर्ष (Conclusion)

विटामिन ए विटामिन परिवार का एक प्रमुख सदस्य है जो समग्र शारीरिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है। यह हमारे इम्यून सिस्टम, आंखों, त्वचा और बालों को स्वास्थ्य प्रदान करता है और उन्हें रोगों से बचाता है। इसकी कमी होने पर रतौंधी, इनफर्टिलिटी, बच्चों का विकास रुक जाना, घाव जल्दी न भरना, इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाना जैसी कई दिक्कतें हो सकती हैं।

ऐसे में अगर आप भी विटामिन ए की कमी से जूझ रहे हैं तो आपको ऐसे खाद्य पदार्थों का सेवन करना चाहिए जिनमें यह विटामिन प्रचुर मात्रा में मौजूद हो। इसके लिए आपको गाजर, शकरकंद, आम, खरबूजा, और आड़ू, गहरे रंग की पत्तेदार सब्जियाँ जैसे पालक और केल, अंडे, डेयरी उत्पाद, सैल्मन जैसी मछली और चिकन जैसे खाद्य पदार्थों का सेवन अधिकाधिक करना चाहिए।


अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (Frequently Asked Questions)

1. विटामिन ए की कमी से होने वाला रोग कौन सा है?

विटामिन ए की कमी से रतौंधी रोग हो जाता है। रतौंधी एक ऐसी स्तिथि है जिसमें मद्धम रोशनी में आंखें देख नहीं पाती हैं। खासतौर पर रात के समय दिखाई न देने की स्तिथि को रतौंधी कहा जाता है जोकि विटामिन ए की भारी कमी की वजह से होता है।

 

2. विटामिन ए की कमी को कैसे पूरा करें?

विटामिन ए की कमी को पूरा करने के लिए आपको इस विटामिन से युक्त खाद्य पदार्थों का सेवन अधिकाधिक करना चाहिए। इसमें गाजर, शकरकंद, आम, खरबूजा, और आड़ू, गहरे रंग की पत्तेदार सब्जियाँ जैसे पालक और केल, अंडे, डेयरी उत्पाद, सैल्मन जैसी मछली और चिकन जैसे खाद्य पदार्थों का सेवन किया जा सकता है। आवश्यकता पड़ने पर डॉक्टर की सलाह के उपरांत सप्लीमेंट्स भी लिए जा सकते हैं।


3. विटामिन A का मुख्य स्रोत क्या है?

विटामिन ए का मुख्य स्रोत लीवर है। लीवर में सबसे अधिक विटामिन ए पाया जाता है। हालांकि अगर बात करें शाकाहारी भोज्य पदार्थों की तो सबसे ज्यादा विटामिन ए शकरकंद में पाया जाता है। एक पके हुए मध्यम शकरकंद में लगभग 1,920 माइक्रोग्राम ARI (रेटिनॉल एक्टिविटी इक्विवेलेंट्स) होता है, जो विटामिन ए के लिए दैनिक आवश्यकता का 213% है।


4. विटामिन ए की कमी का प्रथम लक्षण क्या है?

विटामिन ए की कमी का प्रथम लक्षण कम रोशनी में न दिखाई देना और आंखों का सूखापन है। इसके अलावा इसकी कमी से त्वचा में सूखापन भी आ सकता है।


References

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Dr. Shailendra Chaubey, BAMS

Ayurveda Practioner

A modern-day Vaidya with 11 years of experience. He is the founder of Dr. Shailendra Healing School that helps patients recover from chronic conditions through the Ayurvedic way of life.

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